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शुक्रवार, दिसंबर 02, 2016

आजमगढ़ के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने चीन में हुई पैराबैडमिंटन एशियन चैम्पियनशिप में जीता स्वर्ण पदक


आजमगढ़ के जिलाधिकारी सुहास एलवाई (आई.ए.एस 2007 बैच) ने चीन की राजधानी बीजिंग में संपन्न  पैराबैडमिंटन एशियन चैम्पियनशिप 2016 में एक कड़े मुकाबले में इण्डोनेशिया के हैरी सुशांतो को मात देते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। यह चैम्पियनशिप 22 से 27 नवम्बर 2016 तक बीजिंग में सम्पन्न हुई। इस प्रतियोगिता में उन्होंने कुल छह सिंगल मैच जीतकर 25 नवंबर 2016 को क्वार्टर फाइनल जीता। 26 नवंबर 2016 को सेमी फाइनल में कोरिया के क्वांग ह्वान सिन को 21-10 व 21-14 से कड़े मुकाबले में हराकर फाइनल में जगह पक्की कर ली।

27 नवंबर 2016 को इंण्डोनेशिया के हैरी सुशांतों को कड़े मुकाबले में 21-4 व 21-21 से मात देते हुए गोल्ड मेडल जीतकर देश को स्वर्णिम सफलता दिलायी। उन्होंने इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त कर देश, प्रदेश आजमगढ़ जिले का नाम बैडमिंटन के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा किया है। 

सुहास एलवाई प्रशासनिक कार्यो के साथ ही साथ खेल में अत्यंत रूचि रखते है। खेल को अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करते सुखदेव पहलवान स्पोर्ट स्टेडियम के बैडमिंटन हाल में नियमित रूप से अभ्यास करते हैं। उनके द्वारा एशियन पैराबैडमिंटन प्रतियोगिता में चीन से स्वर्ण पदक लाना देश के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य कठिन नहीं है, बशर्ते उसे उसको पूरी निष्ठा, लगन से किया जाय। 

बुधवार, नवंबर 23, 2016

आजमगढ़ की माटी में जन्मे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव का निधन

आजमगढ़ की माटी में जन्मे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व गवर्नर रामनरेश यादव का 22 नवम्बर, 2016 को लखनऊ में निधन हो गया। 89 साल के राम नरेश यादव का  लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके फेफड़े में इन्‍फेक्‍शन था।

किसानों की बने थे आवाज, 1977 में मिली थी सीएम की कुर्सी
- जुलाई 1928 में यूपी के आजमगढ़ में रामनरेश का जन्म हुआ था।
- राम नरेश पहली बार चौधरी चरण सिंह की मदद से 1977 में जनता पार्टी के सीएम बने थे। रामनरेश यादव 23 जून 1977 से 28 फरवरी 1979 तक यूपी के सीएम रहे। वे किसानों की आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे।
- उनको राजनीतिक माहौल घर से ही मिला था, क्योंकि उनके पिता गया प्रसाद महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. राममनोहर लोहिया के अनुयायी थे।
- उन्‍होंने बीएचयू से बीए, एमए और एलएलबी की पढ़ाई की और यहीं छात्र संघ की राजनीति से भी जुड़े रहे।
- इसके बाद कुछ वक्त के लिए वे जौनपुर के पट्टी स्थित नरेंंद्रपुर इंटर कॉलेज में प्रवक्ता भी रहे। 1953 में उन्‍होंने आजमगढ़ में वकालत की शुरुआत की।
- रामनरेश ने समाजवादी विचारधारा के तहत विशेष रूप से जाति तोड़ो, विशेष अवसर के सिद्धांत, बढ़े नहर रेट, किसानों की लगान माफी, समान शिक्षा, आमदनी और खर्च की सीमा बांधने, वास्तविक रूप से जमीन जोतने वालों को उनका अधिकार दिलाने, अंग्रेजी हटाओ आदि आंदोलनों को लेकर कई बार गिरफ्तारियां दीं।
- इमरजेंसी के दौरान वे मीसा और डीआईआर के अधीन जून 1975 से फरवरी 1977 तक आजमगढ़ जेल और केंद्रीय कारागार नैनी, इलाहाबाद में बंद रहे।
- रामनरेश 1988 में राज्यसभा सदस्य बने और 12 अप्रैल 1989 को राज्यसभा के अंदर डिप्टी लीडरशिप, पार्टी के महामंत्री और अन्य पदों से त्यागपत्र देकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ली।
- लखनऊ स्थित अंबेडकर यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनि‍वर्सिटी का दर्जा दिलाने में भी उनका अहम योगदान था।

इसी साल रामनरेश यादव की आई थी किताब
- इसी साल अगस्‍त महीने में रामनरेश यादव की पहली किताब 'मेरी कहानी' सामने आई थी।
- इस किताब में उन्‍होंने कांग्रेस में आने, सीएम बनने और यूपी में उनके सीएम रहते समय हुए सांप्रदायिक दंगों को सुलझाने के घटनाक्रम के बारे में बताया था।
- हालांकि, किताब में मप्र के गवर्नर रहते हुए उन्होंने अपने दामन पर आए व्यापमं के छींटों का कोई जिक्र नहीं किया था।

ऐसा था रामनरेश यादव का कार्यकाल
- 23 जून 1977 से 28 फरवरी 1979 तक यूपी के सीएम रहे।
- जून 2014 से 19 जुलाई 2014 तक छतीसगढ़ के गवर्नर रहे।
- 26 अगस्‍त 2011 से 7 सितंबर 2016 तक मध्‍य प्रदेश के गवर्नर रहे।


 उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव जी के निधन के साथ ही समाज और देश ने एक कद्दावर जननेता खो दिया है।  उनके निधन पर हार्दिक श्रद्धांजलि !!